संदेश

जनवरी, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गाँधी की टी आर पी

सर्दियों का ना होना ...... दिमागी कुहरा !

वली दक्कनी तीरे कारी आहिस्ता आहिस्ता

इश्क का हिसाब किताब

बूँद

मैं भी तनहा, रात तनहा

मेरे शब्द ..... उनका हवाला ...और दो दुश्मन !

नए साल की शुभकामनाएं