बापू वाकई आज खुश होंगे......

बहरहाल अब जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संजू बाबा के चुनाव लड़ने पर रोक लगा ही दी है तो इस पर ज्यादा टीका टिप्पणी नहीं पर इतना ज़रूर कहूँगा किएक लखनवी होने के नाते खुश हूँ......तो आज इसी परिप्रेक्ष्य में देखें हमारी चुनावी चित्र कथा ('अमर' चित्र कथा विवादित हो जायेगा) का अगला अंक.....




दरअसल यह पोस्ट की प्रतिष्ठा की हानि के लिए नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की प्रतिष्ठा की हानि के ख़िलाफ़ है। वाकई देश में न्यायपालिका अभी जिंदा है.....सत्यमेव जयते ! बापू वाकई आज खुश होंगे......

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